सींचा है जिस पेड़ को बरसों से इस बसंत में खिलेगा उस पर पहला फूल तुम देख सकोगी उस मुस्कान को जो माली के चेहरे पर खेल जाएगी महसूस कर सकोगी तुम उस खुशी को जिसे माली ने पाया है बरसों के बाद उसी फूल, उसी मुस्कान, उसी खुशी की तरह हम तुम्हे अपने दिल में रखेंगें
सींचा है जिस पेड़ को बरसों से
ReplyDeleteइस बसंत में खिलेगा उस पर पहला फूल
तुम देख सकोगी उस मुस्कान को
जो माली के चेहरे पर खेल जाएगी
महसूस कर सकोगी तुम उस खुशी को
जिसे माली ने पाया है बरसों के बाद
उसी फूल, उसी मुस्कान, उसी खुशी की तरह
हम तुम्हे अपने दिल में रखेंगें